Sunday, 10 June 2012

सबा क्यों नहीं आती


कानों  में  मुहब्बत  की  सदा   क्यों  नहीं आती |
वादे   में   तेरे   बू -ए -वफ़ा   क्यों   नहीं  आती || 

जब   काम   नहीं   करतीं  दवाएं  तो  दुआ कर |
बीमार   तेरे   लब  पे  दुआ  क्यों  नहीं    आती || 

जिस दिन से जुदा जान - ए -वफ़ा मुझसे हुई है |
नींद आँखों में अब उसके बिना क्यों नहीं आती || 

मेरा  भी  तो  कुछ  हक़  है   बहारों  पे  जहाँ  में | 
यारो   मेरे   हिस्से  में  सबा   क्यों  नहीं  आती || 

हो  पाऊँ  गिरफ़्तार मैं   जुल्फों   में किसी की  |
‘सैनी’ तुझे आख़िर ये  अदा  क्यों  नहीं  आती || 

डा० सुरेन्द्र  सैनी   

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