झूठा वादा करता है |
क्या मिलने से डरता है ||
पहले झगडे करता है |
फिर तू छुपता फिरता है ||
जाने क्या-क्या लिखता है |
अखबारों में छपता है ||
चूहे जैसा दिल तेरा |
लड़ने का दम भरता है ||
खोटा है तू नीयत का |
कुछ पैसों में बिकता है ||
साधू उसको कहते हैं |
जो धरती पर चलता है ||
ऊंचा उड़ने वाला ही |
इक दिन नीचे गिरता है ||
धोखा दे कर लोगों को |
उनके सपने ठगता है ||
लो तुमको बतलाता हूँ |
‘सैनी’तुम पर मरता है ||
डा० सुरेन्द्र सैनी