ए दोस्त मेरे पास आ अब दम निकल रहा |
फिर गीत कोई गुनगुना अब दम निकल रहा ||
जिसकी तलाश में रहा हूँ मैं तमाम उम्र |
उसको कहीं से भी दो बुला अब दम निकल रहा ||
शिक़वे गिलों का सिलसिला चलता रहा सदा |
आ जा कि यार क्या गिला अब दम निकल रहा ||
जाने नज़र क्यों आपसे मिल कर न मिल सकी |
आँखों में झाँक ले ज़रा अब दम निकल रहा ||
तेरी इनायतों का वो कायल रहा सदा |
‘सैनी’ को तू गले लगा अब दम निकल रहा ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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