तेरा दर्द -ए -जुदाई यूँ तो मुझको सालता हर पल |
मगर चेहरा मेरा मुस्कान से रहता खिला हर पल ||
ख़ुदा जाने तुम्हारे प्यार में है कौन सी ताक़त |
क़लम मेरा करे जो सामना ज़ुल्मात का हर पल ||
मुझे मालूम है मुश्किल बड़ा ये काम होता है |
हंसी चेहरे पे रख कर दर्द दिल में पालना हर पल ||
तेरी आग़ोश में गुज़रे जो उन लम्हों का क्या कहना |
तेरे दामन की ख़ुशबू में निहाँ है ख़ुशनुमा हर पल ||
भटक कर सहरा में मैं अपनी मंज़िल को ही खो बैठा |
नहीं है दूर तक छाया घटे है हौसला हर पल ||
उडी है नींद आँखों से नहीं दिल में सुकूँ बाक़ी |
पता आख़िर चला होता है कैसा प्यार का हर पल ||
हक़ीक़त जानता ‘सैनी’मगर माने नहीं फिर भी |
उसे ये शौक पीने का निगलता जा रहा हर पल ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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